हिन्दू धर्म में शादी के दौरान दूल्हा और दुल्हन को हल्दी लगाने की रस्म निभाई जाती है | शादी में इस हल्दी के शगुन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है | शादी के दौरान लड़का और लड़की को रस्म निभानी पड़ती है | इस हल्दी की रस्म को लेकर सभी के अपने अपने तरीके और मान्यताये है | मान्यताओं के अनुसार दूल्हा और दुल्हन को हल्दी लगाने के बाद कभी भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए | इन मान्यताओं के पीछे कुछ धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी है | आइये जानते है उनके बारें में...
शादी में दूल्हा और दुल्हन को हल्दी लगाने के पीछे ये है धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
पुराने समय में आजकल के जैसे ब्यूटी पार्लर और ब्यूटी प्रोडक्ट नहीं होते थे | लोग अपनी सुंदरता निखारने के लिए प्राकृतिक चीजों का ही सहारा लेते थे और उनका ही इस्तेमाल करके अपनी सुंदरता को निखारते थे | कुछ शोधकर्ताओं का कहना है की हल्दी के स्तेमाल से त्वचा, साफ़, सुन्दर और चमकदार बनती है | इसी कारण शादी में दूल्हा और दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है | जबकि हल्दी प्राकृतिक एंटी बायोटिक भी है यदि कही भी शरीर में चोट लग जाए या फिर जलने का निशान हो तो इसके इस्तेमाल से जलने का निशान मिट जाता है |
हल्दी के अंदर प्राकृतिक ऐंटिऑक्सिडेंट होने के कारण दिमाग में सिरदर्द और डिप्रेशन बहुत कम होता है इसलिए शादी विवाह की टेंशन को दूर करने के लिए हल्दी की रस्म को निभाना बेहद जरुरी होता है | आपने अक्सर देखा होगा की दूल्हा और दुल्हन को हल्दी लगाने के बाद घर से बाहर निकलने नहीं दिया जाता है इसके पीछे भी वैज्ञानिक कारण है | हल्दी लगाने के बाद धूप में जाने के लिए इसलिए मना किया जाता है क्यूंकि धूप में जाने से त्वचा काली पड़ जाती है |